🗓 तेलंगाना सरपंच चुनाव 2025: जानिए तारीखें, आरक्षण स्थिति, न्यायिक निर्देश और राजनीतिक हलचल
तेलंगाना में वर्ष 2025 के ग्राम पंचायत (सर्पंच) चुनाव को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। न्यायालय, सरकार और राजनीतिक दलों — सभी की नज़र इन चुनावों पर है। इस लेख में हम इन चुनावों से जुड़ी हर अहम जानकारी साझा कर रहे हैं।
🔔 चुनाव की संभावित समय-सीमा
तेलंगाना हाई कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ग्राम पंचायत चुनाव प्रक्रिया को 30 सितंबर 2025 से पहले पूरा करना अनिवार्य है। इसमें वोटर लिस्ट अपडेट करना, सीट आरक्षण (reservation) तय करना, और चुनाव कराना शामिल है।
- प्राथमिक चरण: सीटों का पुनर्निर्धारण (delimitation) और आरक्षण की प्रक्रिया को पहले 30 दिनों में पूर्ण किया जाए।
- इसके पश्चात: शेष 60 दिनों के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी कर मतदान और परिणाम घोषित किए जाएं।
राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि पहले सर्पंच चुनाव होंगे, इसके बाद MPTC और ZPTC चुनाव कराए जाएंगे। संभावित रूप से जुलाई के मध्य से लेकर अंत तक चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना (notification) जारी की जा सकती है।
🧩 BC आरक्षण पर चल रहा विवाद
तेलंगाना विधानसभा में Backward Classes (BC) को स्थानीय निकाय चुनावों में 42% आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
हालांकि, इस आरक्षण को लागू करने के लिए अभी राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त नहीं हुई है, जिससे स्थिति जटिल बनी हुई है।
हाई कोर्ट ने सरकार को सुझाव दिया है कि यदि राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं आती, तो वह सरकारी आदेश (GO) के ज़रिए इस आरक्षण को लागू करने पर विचार करे।
वहीं, BRS सांसद K. Kavitha ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार BC आरक्षण पर निर्णय नहीं लेती, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएँगी।
🏛 न्यायपालिका की भूमिका और आदेश
हाई कोर्ट ने चुनाव को लेकर समयबद्ध कार्ययोजना सुझाई है, जिसे जस्टिस टी. माधवी देवी की बेंच ने निर्देशित किया:
- सीट सीमांकन (Delimitation) और मतदाता सूची अपडेट — 30 दिनों में
- आरक्षण प्रक्रिया और मतदान — अगले 60 दिनों के भीतर
गौरतलब है कि राज्य के अधिकतर सर्पंचों का कार्यकाल 31 जनवरी 2024 को समाप्त हो चुका है। इस कारण कई पूर्व सर्पंचों ने हाई कोर्ट में याचिकाएँ दायर की थीं, जिन्हें अदालत ने गंभीरता से लिया।
💸 सरकार की रणनीतिक योजनाएँ
चुनावों से पहले जनता का विश्वास जीतने हेतु राज्य सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा और क्रियान्वयन किया है:
- ग्राम पंचायतों के लिए ₹153 करोड़ के लंबित बिलों का भुगतान किया गया।
- जल्द ही ₹300 करोड़ अतिरिक्त अनुदान जारी किया जाएगा।
- राजीव युवा विकासम योजना (Rajiv Yuva Vikasam) के तहत युवाओं के लिए रोजगार अवसर बढ़ाए गए।
- साथ ही, राशन कार्ड वितरण और Rythu Bharosa (किसान सहायता राशि) का भुगतान भी तेज़ी से हो रहा है।
इन पहलों को आगामी पंचायत चुनाव से पहले जनता को प्रभावित करने की कोशिश माना जा रहा है।
🗳️ राजनीतिक हलचल और प्रतिक्रियाएं
राजनीतिक स्तर पर भी सरगर्मी तेज़ है:
- कांग्रेस नेतृत्व अंदरूनी तौर पर चिंतित है, क्योंकि सर्वे रिपोर्ट्स में उनके विधायक ज़मीनी स्तर पर निष्क्रिय पाए गए हैं।
- BJP नेता Bandi Sanjay ने ऐलान किया है कि यदि भाजपा सत्ता में आती है, तो BC समुदाय से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
- दूसरी ओर, BRS की वरिष्ठ नेता कविता ने सरकार पर दबाव बनाते हुए BC आरक्षण लागू करने की माँग की है।
इन सभी बयानों से स्पष्ट है कि BC आरक्षण चुनावी राजनीति का प्रमुख केंद्र बनने वाला है।
📋 सारांश तालिका
🔍 प्रक्रिया | 📆 वर्तमान स्थिति |
---|---|
चुनाव अधिसूचना (Notification) | जुलाई मध्य या अंत तक जारी होने की संभावना |
सीट सीमांकन + आरक्षण प्रक्रिया | जुलाई-अगस्त में पूरा करना आवश्यक |
मतदान व परिणाम | 30 सितंबर 2025 से पहले पूरा करना कोर्ट का निर्देश |
BC आरक्षण | 42% प्रस्तावित, राष्ट्रपति की मंजूरी लंबित, GO पर विचार |
सरकारी तैयारियाँ | ₹153 करोड़ बिल भुगतान + नई योजनाओं की शुरुआत |
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं | कांग्रेस दबाव में, BJP और BRS आक्रामक मुद्रा में |
✅ निष्कर्ष
तेलंगाना में ग्राम पंचायत चुनाव 2025 सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं बल्कि राजनीतिक रणनीति और सामाजिक न्याय का एक बड़ा मंच बन चुका है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार BC आरक्षण को कैसे लागू करती है और चुनाव आयोग सितंबर 2025 की कोर्ट डेडलाइन को कैसे पूरा करता है।