भारत में रोजगार 2014 vs 2025: आंकड़ों के साथ पूरा विश्लेषण

0
भारत में रोजगार 2014 बनाम 2025: पूरा विश्लेषण

भारत में रोजगार 2014 बनाम 2025: बदला हुआ परिदृश्य और अहम तथ्य

भारत की अर्थव्यवस्था में 2014 से 2025 तक कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इन 11 सालों में सरकारें बदलीं, नीतियां बदलीं, और तकनीक ने रोजगार के स्वरूप को पूरी तरह बदल दिया। इस लेख में हम 2014 और 2025 के रोजगार परिदृश्य की तुलना करेंगे – किस सेक्टर में नौकरियां बढ़ीं, बेरोजगारी दर का रुझान क्या रहा और आगे क्या चुनौतियां हैं।

2014 में भारत का रोजगार परिदृश्य

  • कृषि पर निर्भरता: भारत की लगभग 52% कार्यबल कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में लगी हुई थी।
  • गैर-कृषि रोजगार: 131 मिलियन लोग गैर-कृषि प्रतिष्ठानों में कार्यरत थे।
  • बेरोजगारी दर: औसत बेरोजगारी दर लगभग 6% थी।
  • सेवाओं का उभार: IT, टेलीकॉम और BFSI सेक्टर बढ़ रहे थे, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग में जॉबलेस ग्रोथ चिंता बनी हुई थी।

2025 में भारत का रोजगार परिदृश्य

  • कुल बेरोजगारी दर: जून 2025 में लगभग 5.6%
  • युवा बेरोजगारी: शहरी युवाओं में 17.9%, ग्रामीण युवाओं में 13.7%
  • LFPR: 45.1% (2017–18) से बढ़कर 47.2% (2023–24)
  • रोजगार संरचना:
    • स्व-रोजगार: 58.4%
    • नियमित नौकरी: 21.7%
    • कैज़ुअल मजदूरी: 19.8%

सेक्टरवार बदलाव

  1. IT और टेक्नोलॉजी: 55% कंपनियों ने hiring बढ़ाई (AI, cybersecurity, cloud में जॉब्स)
  2. मैन्युफैक्चरिंग: Make in India और PLI योजनाओं से 48% hiring outlook
  3. हेल्थकेयर: COVID-19 के बाद हेल्थ सेक्टर में 42% रोजगार वृद्धि
  4. रिटेल और ई-कॉमर्स: 12% तक रोजगार में उछाल

2014 बनाम 2025: तुलना सारणी

पहलू 2014 2025
बेरोजगारी दर ~6% 5.6% (युवाओं में अधिक)
कृषि रोजगार ~52% ~42–45%
स्व-रोजगार ~50% ~58%
प्रमुख सेक्टर कृषि, निर्माण, सेवाएं IT, BFSI, हेल्थ, रिटेल
स्किल डेवलपमेंट सीमित Skill India, Digital India

सरकारी योजनाएं जो मददगार रहीं

  • Skill India Mission (2015): करोड़ों युवाओं को डिजिटल स्किल्स में प्रशिक्षित किया।
  • Startup India (2016): स्टार्टअप्स को बढ़ावा और रोजगार सृजन।
  • Make in India: घरेलू निर्माण और MSME सेक्टर को बढ़ावा।
  • PMEGP और MSME योजनाएं: 34 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने का दावा।

चुनौतियां और भविष्य की राह

✔ शहरी युवाओं में बेरोजगारी दर अभी भी अधिक है। ✔ गिग इकॉनमी में जॉब्स की संख्या बढ़ रही है लेकिन स्थायित्व की कमी है। ✔ हर साल ~78 लाख नई non-farm नौकरियों की ज़रूरत (Economic Survey 2025) ✔ AI और automation से पारंपरिक नौकरियों पर खतरा।

निष्कर्ष

2014 की तुलना में 2025 का भारत रोजगार के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन चुनौतियां बनी हुई हैं। कृषि से सेवाओं की ओर शिफ्ट स्पष्ट है, और IT, BFSI जैसे सेक्टर रोजगार का बड़ा स्रोत बन रहे हैं। अब ज़रूरत है कि सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और टिकाऊ रोजगार सुनिश्चित करें।

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Out
Ok, Go it!