🔰 क्या है पूरा मामला?
राज्य की कांग्रेस सरकार ने BC समुदाय को शिक्षा, सरकारी सेवाओं और पंचायत निकायों में 42 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है। यह निर्णय SEEEP जातीय सर्वेक्षण से मिले आँकड़ों के आधार पर लिया गया, जिसमें BC वर्ग की जनसंख्या राज्य में 56% से ज्यादा बताई गई है।
📊 SEEEP सर्वेक्षण क्या है?
SEEEP का पूरा नाम है: Social, Educational, Economic, Employment, Political। यह सर्वे फरवरी 2024 में शुरू किया गया था और इसमें हर जिले में घर-घर जाकर पिछड़े वर्गों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन किया गया। इसके नतीजों से स्पष्ट हुआ कि राज्य में BC आबादी 56.33% के आसपास है।
🏛️ विधानसभा में बिल पास
मार्च 2025 में तेलंगाना विधानसभा में दो महत्वपूर्ण बिल लाए गए:
- शिक्षा और नौकरियों में BC आरक्षण 23% से बढ़ाकर 42%
- स्थानीय निकाय चुनावों में भी यही प्रतिशत लागू
बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है।
⚖️ कानूनी स्थिति क्या कहती है?
सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 50% तय की है। इसलिए तेलंगाना सरकार संविधान की नवमी अनुसूची में इस कानून को डालना चाहती है ताकि यह न्यायिक चुनौती से बच सके। कांग्रेस ने इसे जनसंख्या अनुपात के आधार पर उचित बताया है।
🧱 आने वाली चुनौतियाँ
- हाई कोर्ट का निर्देश: 30 सितंबर 2025 तक चुनाव अनिवार्य लेकिन कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली।
- राजनीतिक विरोध: BRS ने कांग्रेस पर चुनावी स्टंट का आरोप लगाया।
- संवैधानिक अड़चन: बिना मंजूरी लागू करने पर विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है।
🔥 बढ़ता राजनीतिक तनाव
कांग्रेस के MLC टीनमार मल्लन्ना पर हुए हमले को लेकर उन्होंने BRS नेता के. कविता की संस्था Telangana Jagruthi पर आरोप लगाया है। यह तनाव भी आरक्षण विवाद से जुड़ा माना जा रहा है।
🌍 राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस अब SEEEP मॉडल को पूरे भारत में लागू करना चाहती है। पार्टी की OBC सलाहकार समिति का कहना है कि पूरे देश में ऐसा सर्वे कराया जाना चाहिए और 50% आरक्षण सीमा को हटाने की कोशिश की जाएगी।
📌 मुख्य बिंदु एक नजर में
विषय | विवरण |
---|---|
प्रस्तावित BC आरक्षण | 42% (पहले था 23%) |
BC आबादी (SEEEP के अनुसार) | 56.33% |
विधानसभा में बिल पास | मार्च 2025 |
राष्ट्रपति की मंजूरी | प्रक्रिया में |
हाई कोर्ट की चुनाव डेडलाइन | 30 सितंबर 2025 |
विपक्ष का रुख | BRS का विरोध |
कांग्रेस की रणनीति | देशभर में SEEEP लागू करने और 50% सीमा हटाने की मांग |
🔚 निष्कर्ष
तेलंगाना सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। लेकिन इसके कार्यान्वयन में कई कानूनी और राजनीतिक अड़चनें हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस मॉडल को समय पर लागू कर पाती है या नहीं।