🇮🇳 भारत में नमक की खपत: ICMR की गाइडलाइंस और स्वास्थ्य प्रभाव
1️⃣ पृष्ठभूमि और वैश्विक दिशानिर्देश
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एक वयस्क को प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक (लगभग 2 ग्राम सोडियम) का सेवन करना चाहिए। यह सिफारिश भारत में ICMR और NIN (राष्ट्रीय पोषण संस्थान) द्वारा भी अपनाई गई है।
2️⃣ भारत में नमक की खपत: गंभीर स्थिति
🔬 राष्ट्रीय अनुमान
- भारत में औसतन 8–11 ग्राम/दिन नमक की खपत होती है।
- ICMR के 2023 सर्वे में यह मात्रा औसतन 8.0 ग्राम/दिन पाई गई।
- पुरुषों में 8.9 ग्राम और महिलाओं में 7.1 ग्राम।
🏙 शहरी बनाम ग्रामीण
- शहरी इलाकों में: 9.2 ग्राम/दिन
- ग्रामीण क्षेत्रों में: 5.6 ग्राम/दिन
- कुछ आदिवासी क्षेत्रों में खपत लगभग 5 ग्राम है।
🍛 नमक के स्रोत
- 80–90% सोडियम सीधे पकाते या परोसते समय डाला जाता है।
- शहरी क्षेत्रों में प्रोसेस्ड फूड का योगदान बढ़ रहा है।
3️⃣ अधिक नमक का स्वास्थ्य पर प्रभाव
- उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियाँ, स्ट्रोक, किडनी रोग।
- 28% मौतें हृदय रोगों से जुड़ी हैं।
- सोडियम कम करने से 10 वर्षों में 3 लाख जानें बचाई जा सकती हैं।
4️⃣ ICMR के आहार दिशानिर्देश
ICMR-NIN की 2020 रिपोर्ट के अनुसार:
- सोडियम सीमा: 2,000 मि.ग्रा/दिन
- पोटैशियम आवश्यकता: 3,510 मि.ग्रा/दिन
2024 में जारी 17 दिशानिर्देशों में अत्यधिक नमक व प्रोसेस्ड फूड से परहेज़ की सलाह दी गई।
5️⃣ कम-सोडियम नमक (Low-Sodium Salt Substitutes – LSS)
कम-सोडियम नमक में सोडियम की मात्रा घटाकर उसका एक हिस्सा पोटैशियम क्लोराइड से बदला जाता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प बन जाता है।
शोध में पाया गया कि इसके सेवन से सिस्टोलिक बीपी में 4.6 mmHg और डायस्टोलिक में 1.1 mmHg की कमी आती है।
6️⃣ ICMR-NIE की सामुदायिक पहल
- 2025 में पंजाब और तेलंगाना में 3 साल का प्रोजेक्ट शुरू।
- स्वास्थ्य केंद्रों में काउंसलिंग और LSS का प्रचार।
- 52% सुपरमार्केट में LSS उपलब्ध, लेकिन केवल 4% छोटे दुकानों में।
- #PinchForAChange अभियान से जागरूकता।
7️⃣ नमक कम करने की रणनीतियाँ
- खाने में नमक धीरे-धीरे कम करें।
- नमकीन फूड, प्रोसेस्ड आइटम से बचें।
- सख्त लेबलिंग, टैक्स और रिफॉर्म लागू हों।
- सरकारी सब्सिडी से LSS को बढ़ावा मिले।
8️⃣ अन्य देशों के अनुभव
फिनलैंड, जापान, यूके जैसे देशों ने सोडियम में 1.3–4 ग्राम/दिन की कमी हासिल की है।
9️⃣ प्रमुख चुनौतियाँ
- ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी।
- LSS महंगा और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं।
- सांस्कृतिक विविधता के कारण रणनीति जटिल।
- राष्ट्रीय सर्वेक्षण की आवश्यकता।
🔟 भविष्य की दिशा
- सभी राज्यों में सामुदायिक पहल लागू करें।
- LSS की कीमत और वितरण व्यवस्था सुधारें।
- नीतियों को सख्ती से लागू करें।
- स्थानीय भाषाओं में जागरूकता अभियान चलाएं।
✅ निष्कर्ष
भारत में औसतन नमक सेवन WHO की सीमा से कहीं अधिक है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। ICMR की गाइडलाइंस, जागरूकता अभियान और LSS जैसे विकल्पों को प्रभावी तरीके से अपनाकर इस स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।