🧨 26/11 मुंबई आतंकी हमला – एक सच्ची और दर्दनाक कहानी (सरल हिंदी में)
🌍 भूमिका: वो रात जिसने भारत को झकझोर दिया
26/11 की रात कोई साधारण रात नहीं थी – वो एक ऐसा पल था जब आतंक ने इंसानियत की परीक्षा ली और मुंबई ने हिम्मत से उसका सामना किया। पाकिस्तान से आए 10 खूंखार आतंकवादियों ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में गोलीबारी और बम धमाके किए।
ये हमला सिर्फ मुंबई पर नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा, आत्मविश्वास और विश्व छवि पर भी था। इस हमले में 166 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। मरने वालों में कई विदेशी नागरिक भी थे।
📍 हमला कैसे हुआ – मिनट दर मिनट विवरण
आतंकियों ने पाकिस्तान से एक नाव के ज़रिए अरब सागर पार किया और मुंबई के समुद्री किनारे (बंदरगाह) से शहर में दाखिल हुए। ये आतंकी दो-दो के ग्रुप में बंट गए और अलग-अलग इलाकों में हमला किया।
मुख्य टारगेट:
- ताज महल होटल
- ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल
- छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST स्टेशन)
- नरीमन हाउस (यहूदी धर्मस्थल)
- कैफे लियोपोल्ड और कामा हॉस्पिटल
मुख्य घटनाएं:
- रात करीब 9:30 बजे CST स्टेशन पर दो आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की।
- 10:00 बजे, ताज होटल और ओबेरॉय होटल में आतंकियों ने बंधक बनाए और बम फेंकना शुरू कर दिया।
- नरीमन हाउस में विदेशी यहूदी नागरिकों को मार दिया गया।
ये पूरी घटना 60 घंटे तक चली। 3 दिन बाद, 29 नवंबर को आखिरी आतंकी मारा गया और ऑपरेशन खत्म हुआ।
🧟♂️ हमलावर कौन थे?
ये सभी 10 आतंकवादी पाकिस्तान के थे और उन्हें आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने ट्रेनिंग दी थी।
सबसे कुख्यात नाम:
- मोहम्मद अजमल आमिर कसाब – अकेला आतंकी जिसे जिंदा पकड़ा गया।
- बाक़ी 9 आतंकवादी सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए।
इन सबकी उम्र 20-25 साल के बीच थी। ये गरीब तबके से थे और उन्हें धर्म के नाम पर जिहाद के लिए भड़काया गया था। इनको खास ट्रेनिंग दी गई थी कि कैसे नकली हिंदू पहचान दिखाकर भारत में भ्रम फैलाया जाए।
🕵️♂️ प्लानिंग कैसे हुई?
इस हमले की प्लानिंग कोई आम नहीं थी — इसके पीछे महीनों की तैयारी थी।
David Headley – अमेरिका में जन्मा पाकिस्तानी:
- उसने मुंबई के होटल, रेलवे स्टेशन, यहूदी धर्मस्थल आदि की वीडियो शूटिंग और रेकी की।
- उसने लश्कर और पाकिस्तान की ISI (इंटेलिजेंस एजेंसी) को जानकारी भेजी।
- बाद में अमेरिका में गिरफ्तार हुआ और उसने सारी सच्चाई उगली।
ISI और लश्कर की मिलीभगत:
- जांच एजेंसियों ने पुष्टि की कि ISI और लश्कर ने मिलकर यह हमला करवाया।
- आतंकियों को समुद्री रास्ते से भारत भेजने की पूरी योजना बनाई गई थी।
🧑✈️ बहादुर अफसर और शहीद
भारत के कई बहादुर पुलिसकर्मी और कमांडो ने इस हमले में अपनी जान गंवाई, लेकिन आतंकियों को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
प्रमुख नाम:
- हेमंत करकरे (ATS चीफ) – आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए।
- विजय सालस्कर (इंस्पेक्टर) – गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुए।
- तुकाराम ओंबले (हेड कांस्टेबल) – अपनी जान देकर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा।
NSG कमांडोज़ (National Security Guard):
- सेना और NSG कमांडो को दिल्ली से एयरलिफ्ट करके मुंबई लाया गया।
- उन्होंने ताज, ओबेरॉय और नरीमन हाउस में ऑपरेशन चला कर आतंकियों को ढेर किया।