Tukaram Omble: हीरो जिसने कसाब को जिंदा पकड़ा

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अजमल कसाब की गिरफ्तारी और फांसी – सच्चाई जो भारत के लिए मिसाल बनी

👮‍♂️ अजमल कसाब की गिरफ्तारी और फांसी – सच्चाई जो भारत के लिए मिसाल बनी

📸 गिरफ्तारी – मौत को मात देकर पकड़ा गया जिंदा आतंकी

👉 "27 नवंबर 2008 की सुबह, मुंबई पुलिस चारों ओर फैले आतंक के साये में हमलावरों की धरपकड़ में लगी थी। उसी समय, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST) में कत्लेआम मचाने वाले दो आतंकी – अजमल कसाब और अबू इस्माइल, एक पुलिस वैन को निशाना बनाकर भागने की फिराक में थे।

🚨 तभी सामने आया एक नाम, जो बहादुरी की मिसाल बन गया —

👉 हेड कांस्टेबल तुकाराम ओंबले

तुकाराम ओंबले ने क्या किया?

  • जान जोखिम में डालकर कसाब की AK-47 को पकड़ लिया।
  • लगातार 40 गोलियां खाने के बावजूद कसाब को ज़मीन पर दबोच लिया।
  • शहीद हो गए, लेकिन कसाब को जिंदा पकड़वाया।

👉 यह इतिहास में पहली बार था जब कोई पाकिस्तानी आतंकी भारत की धरती पर जिंदा पकड़ा गया।

📜 कसाब का इकबालिया बयान – उसने खुद कबूला सब कुछ

👉 कसाब ने कबूला कि:

  • वो पाकिस्तान के फरीदकोट गांव का रहने वाला है।
  • उसे लश्कर-ए-तैयबा ने ट्रेनिंग दी।
  • हिंदू दिखाने के लिए "जनेऊ" पहनाया गया ताकि हमला हिंदू संगठन का लगे।
➡️ आतंकियों का मकसद केवल हत्या नहीं था, बल्कि भारत के हिंदू संगठनों को बदनाम करना भी था।

⚖️ कोर्ट ट्रायल – दुनिया की नज़र भारत पर थी

👉 भारत ने पूरी न्याय प्रक्रिया के तहत कसाब को कानूनी सहायता दी, ताकि दुनिया देखे कि भारत कानून के अनुसार न्याय करता है

  • 11,000+ पेज की चार्जशीट
  • 600+ गवाह
  • कसाब ने कोर्ट में भी अपराध स्वीकार किया

🔥 सज़ा – देश की भावनाओं का न्याय

👉 6 मई 2010 को विशेष अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई।

👉 हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा।

👉 2012 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दया याचिका खारिज कर दी।

⚰️ फांसी – बिना हो-हल्ला, खामोशी से

  • 21 नवंबर 2012 – पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई।
  • न कोई मीडिया को सूचना
  • न कोई शोर
  • बस चुपचाप इंसाफ पूरा हुआ।
👉 भारत ने दिखा दिया कि हम न्याय देंगे – लेकिन कानून से

✊ कसाब की गिरफ्तारी का महत्व

  • हमले का जवाब सबूतों से दिया गया।
  • जिंदा आतंकी की गिरफ्तारी ने पाकिस्तानी भूमिका को उजागर किया।
  • अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की साख मजबूत हुई।

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